बीते साल बैलों के साथ खेला
जाने वाला दक्षिण भारतीय खेल जल्लीकट्टू चर्चा में आया था. इस खेल पर
सुप्रीम कोर्ट ने बैन लगाया दिया था जिसका कड़ा विरोध हुआ था. लेकिन भारत
में ही नहीं बल्कि स्पेन में भी बैलों के साथ एक ख़ास खेल आयोजित किया जाता
है, जिसका नाम है सैन फर्मिन बुल रन फ़ेस्टिवल या कहें बुलफ़ाइटिंग.
उत्तरी स्पेन के पांपलोना में
आयोजित ये त्योहार इस साल 6 जुलाई को शुरु हुआ है और अभी एक सप्ताह तक
चलेगा. सालाना आयोजित किया जाने वाला सैन फर्मिन त्योहार पांपलोना के पहले
बिशप सेंट फर्मिन के सम्मान में आयोजित किया जाता है. 1592 से पहले तक ये
त्योहार सितंबर 25 को शुरु होता था. इस दिन को सेंट फर्मिन फीस्ट डे कहा
जाता था. लेकिन 1592 से इसे जुलाई में आयोजित किया जाने लगा.
आधिकारिक तौर पर 6 जुलाई की
दोपहर त्योहार शुरु होता है. पटाखे छोड़े जाते हैं और इसके बाद लोग
पांपलोना का पारंपरिक गीत गाते हैं जिसका मतलब होता है, "पांपलोना में रहने वालों, सेंट फर्मिन हमेशा हमारे साथ रहें."
बैलों की रेस इस त्योहार का
सबसे आकर्षक हिस्सा है. त्योहार के दौरान हर सुबह 8 बजे छह बैलों के साथ
लोग रेस लगाते हैं. शहर की सड़क पर इन छह बैलों को खुला छोड़ दिया जाता है
और इसके बाद शहर की संकरी गलियों से दौड़ते हुए वो बुल रिंग में पहुंचते
हैं. रास्ते में लोग उनके आगे दौड़ते हुए उनसे आगे निकलने की कोशिश करते
हैं.
शहर के बीच बने रिंग में रोज़ाना इंसान और बैलों की लड़ाई का आयोजन होता है जिसमें बैलों को चुनौती
देने के लिए उनके सामने मैटाडोर होता है. दोपहर को आयोजित होने वाली इस
लड़ाई को कोरिडा कहते हैं. इस लड़ाई को जीतने की होड़ में बैल की मौत भी हो
जाती है. अगर कोई बैल जीत भी जाता है तो वो चोटिल हालत में होता है. फिर
भी अगर वह ठीक रहा तो उसका इस्तेमाल प्रजनन में किया जाता है.
कोरिडा शब्द स्पेनिश शब्द कोरर
से आया है जिसका अर्थ है दौड़ना. इस खेल का मतलब है- बैलों को दौड़ना है,
दूसरों को घायल करना है और एक आक्रामक लड़ाई को अंजाम देना है. इस खेल में
हिस्सा लेने के लिए ख़ास तौर पर बैल को पाला और तैयार किया जाता है. उसे अच्छा खाना दिया जाता है और खुले में घूमने दिया जाता है. खेल के लिए चार
से छह साल के बैल बेहतर माने जाते हैं.
कोरिडा को लेकर कई बार चर्चा
हुई हैं. कईयों का मानना है कि ये खेल मध्ययुग में रोमन साम्राज्य के दौरान
अस्तित्व में आया था जब पशुओं की बलि दी जाती थी. हालांकि कुछ लोगों का
कहना है कि इससे पहले भी रईस शादी ब्याह में अपनी साख दिखाने और अपने
दोस्तों के बीच अपनी ताक़त दिखाने के लिए बैलों की लड़ाईयां करवाते रहते
थे. स्पेन के साहित्य में इसका पहला ज़िक्र 1040 में "पोएम ऑफ़ द सिड" में
मिलता है जिसमें राजकुमारी की शादी में इंसान और बैल की लड़ाई का ज़िक्र
मिलता है.
1926 में अमरीकी लेखक अर्न्स्ट
हेमिंगवे की एक किताब आई थी जिसका नाम था "द सन ऑल्सो राइज़ेज़". इसमें
पांपलोना की सड़कों पर इस त्योहार के दिनों में रोज़ाना बैलों की दौड़ का
विवरण था. इसी किताब ने सेंट फर्मिन फेस्टिवल के बारे में दुनिया भर तो
बताया था.
2016 में विक्टर बार्रियो की
रिंग में ही मौत हो गई थी. बताया जाता है कि 1985 के बाद से स्पेन में रिंग
में हुई ये पहली मौत थी. इसके बाद 2017 में एक बुलफ़ाइट के दौरान
जाने-माने मैटाडोर इवान फान्डिनो की मौत हो गई थी. बैल में उन्हें गिरा कर
उनकी छाती में अपनी सींग घुसा दी. लगातार दो साल में हुई इन मौतों के बाद
इस खेल पर रोक लगाने की मांग उठने लगी.
कईयों का कहना है कि कोरिडा
बैलों के अधिकारों का हनन है. इस खेल पर रोक लगाने की मांग बीते कई सालों
से उठ रही है. पशु अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन पेटा ने स्पेन के
प्रधानमंत्री पेद्रो सान्चेज़ से इस पर रोक लगाने की गुहार भी लगाई है.
स्पेन में बुलफाइटिंग सिखाने
के स्कूल होता हैं जहां प्रवेश लेने वाले छात्र इस त्योहार के लिए खुद को
तैयार करते हैं. 2016 में अल जज़ीरा में छपी एक ख़बर के अनुसार स्पेन में
ऐसे 52 स्कूल हैं लेकिन इन स्कूलों में कितने छात्र हैं इसकी आधिकारिक
जानकारी उपलब्ध नहीं है.
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